नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने आज परिवर्तित प्रबंधन के लिए एक अभियान 'अंग...
नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने आज परिवर्तित प्रबंधन के लिए एक अभियान 'अंगीकार' और भारत की अतिसंवेदनशीलता एटलस यानी वल्नरबिलिटी एटलस ऑफ इंडिया पर ई-कोर्स की शुरुआत की।
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प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन के लिए अंगीकार को शुरू किया गया है। इसमें पीएमएवाई(यू) के तहत बनाए गए घरों के लाभार्थियों के लिए जल एवं ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, सफाई एवं स्वच्छता जैसे मुद्दों पर सामुदायिक जुटाव और आईईसी गतिविधियों के माध्यम से ध्यान केंद्रित किया गया है। यह अभियान इन विषयों को देखने वाले अन्य मंत्रालयों की योजनाओं एवं मिशनों के साथ मिलकर चलेगा। इसमें पीएमएवाई(यू) के लाभार्थियों को गैस कनेक्शन के लिए विशेष रूप से उज्जवला और स्वास्थ्य बीमा के लिए आयुष्मान भारत पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पीएमएवाई (यू) के तहत 1.12 करोड़ की मांग के बदले में अब तक लगभग 88 लाख घरों को स्वीकृति दी गई है। अंगीकार का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से मिशन के सभी लाभार्थियों तक पहुंचना है। सभी लक्षित शहरों में यह अभियान प्रारंभिक चरण के बाद महात्मा गांधी की 159वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2019 को शुरू होगा। 10 दिसंबर, 2019 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इसका समापन होगा। इस अभियान में घर-घर गतिविधियों, वार्ड और शहर स्तर के कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा।
योजना एवं वास्तुकला विद्यालय (एसपीए), नई दिल्ली और भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमटीपीसी) के सहयोग से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने अतिसंवेदनशीलता एटलस पर ई-कोर्स की पेशकश की है। यह एक अनूठा कोर्स है, जो प्राकृतिक खतरों के बारे में जागरुकता एवं समझ प्रदान करता है। यह विभिन्न खतरों (भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन, बाढ़ आदि) को देखते हुए अति संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों की पहचान में मदद करता है और मौजूदा आवासीय भंडार को नुकसान के जोखिम के जिलेवार स्तर को स्पष्ट रूप से बताता है।
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प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन के लिए अंगीकार को शुरू किया गया है। इसमें पीएमएवाई(यू) के तहत बनाए गए घरों के लाभार्थियों के लिए जल एवं ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, सफाई एवं स्वच्छता जैसे मुद्दों पर सामुदायिक जुटाव और आईईसी गतिविधियों के माध्यम से ध्यान केंद्रित किया गया है। यह अभियान इन विषयों को देखने वाले अन्य मंत्रालयों की योजनाओं एवं मिशनों के साथ मिलकर चलेगा। इसमें पीएमएवाई(यू) के लाभार्थियों को गैस कनेक्शन के लिए विशेष रूप से उज्जवला और स्वास्थ्य बीमा के लिए आयुष्मान भारत पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पीएमएवाई (यू) के तहत 1.12 करोड़ की मांग के बदले में अब तक लगभग 88 लाख घरों को स्वीकृति दी गई है। अंगीकार का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से मिशन के सभी लाभार्थियों तक पहुंचना है। सभी लक्षित शहरों में यह अभियान प्रारंभिक चरण के बाद महात्मा गांधी की 159वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2019 को शुरू होगा। 10 दिसंबर, 2019 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इसका समापन होगा। इस अभियान में घर-घर गतिविधियों, वार्ड और शहर स्तर के कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा।
योजना एवं वास्तुकला विद्यालय (एसपीए), नई दिल्ली और भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमटीपीसी) के सहयोग से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने अतिसंवेदनशीलता एटलस पर ई-कोर्स की पेशकश की है। यह एक अनूठा कोर्स है, जो प्राकृतिक खतरों के बारे में जागरुकता एवं समझ प्रदान करता है। यह विभिन्न खतरों (भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन, बाढ़ आदि) को देखते हुए अति संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों की पहचान में मदद करता है और मौजूदा आवासीय भंडार को नुकसान के जोखिम के जिलेवार स्तर को स्पष्ट रूप से बताता है।
यह #ई-कोर्स #वास्तुकला यानी आर्किटेक्चर, #सिविल_इंजीनियरिंग, शहरी एवं क्षेत्रीय योजना, आवास एवं बुनियादी ढांचा योजना, निर्माण इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन और भवन एवं सामग्री अनुसंधान के क्षेत्र में आपदा शमन एवं प्रबंधन के लिए एक प्रभावी एवं कुशल साधन होगा। भारत के अतिसंवेदनशीलता एटलस पर ई-कोर्स के लिए पंजीकरण एसपीए की वेबसाइट www.spa.ac.in के जरिये किया जा सकता है।
भारत की निर्माण प्रौद्योगिकी (सीटीआई-2019) के उद्घाटन के मौके पर माननीय प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई (यू) के लाभार्थियों के लिए "सुलभ रिहाइश" को संभव करने का आदेश दिया था और सभी निर्माण कार्यों में खतरों से संबंधित सुरक्षा प्रावधानों को शामिल करने पर जोर दिया था। इस दिशा में 100 दिन के एजेंडा के तहत मंत्रालय ने इन पहलों की शुरूआत की है।
भारत की निर्माण प्रौद्योगिकी (सीटीआई-2019) के उद्घाटन के मौके पर माननीय प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई (यू) के लाभार्थियों के लिए "सुलभ रिहाइश" को संभव करने का आदेश दिया था और सभी निर्माण कार्यों में खतरों से संबंधित सुरक्षा प्रावधानों को शामिल करने पर जोर दिया था। इस दिशा में 100 दिन के एजेंडा के तहत मंत्रालय ने इन पहलों की शुरूआत की है।
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