आज विश्व कैंसर दिवस की 20वीं वर्षगांठ है। कैंसर की वजह से पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में लोग मौत के मुंह में धीरे से समा जाते हैं। आज हम ...
आज विश्व कैंसर दिवस की 20वीं वर्षगांठ है। कैंसर की वजह से पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में लोग मौत के मुंह में धीरे से समा जाते हैं। आज हम आपको बतायेंगे कि आखिर विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत कैसे हुई और कैंसर दिवस को मनाये जाने के पीछे क्या उद्देश्य है-
- त्रिनाथ मिश्र, ई-रेडियो
स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में साल 1993 में सर्वप्रथम कैंसर दिवस मनाया गया। यहां Union For International Cancer Countrol (#UICC) ने एक कार्यक्रम किया जिसमें कैंसर के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में गहन व विस्तृत जानकारी दी गई। इसके बाद से लगातार कैंसर दिवस मनाने का चलन शुरू हो गया।
तत्कालीन समय में कैंसर के मरीजों की संख्या लगभग 12.7 मिलियन थी और हर साल तकरीबन 7 मिलियन लोग कैंसर के कारण अपनी जान गंवा रहे थे।
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UICC क्या है? What is UICC?
UICC यानी Union For International Cancer Countrol की स्थापना 1993 में की गई। इसका मुख्यालय जेनेवा में है। यह संपूर्ण विश्व में कैंसर के प्रति जागरुकता लाने और चिकित्सा अनुसंधान में सहायता एवं मरीजों के हितों का ख्याल रखने वाला एक सदस्यता आधारित संगठन है।कैंसर से कितने लोग पीड़ित हैं || Latest Report about Cancer
कैंसर पूरे विश्व में तेजी से पांव पसार रहा है और इससे मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। पूरे विश्व में इस समय प्रत्येक वर्ष 76 लाख लोग कैंसर से मरने को मजबूर हैं। इसमें 40 लाख लोग समय से पहले लगभग 30-69 वर्ष की आयु में दम तोड़ देते हैं।
अनुमान है कि वर्ष 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल किया जाए तो हर साल 15 लाख जीवन बचाए जा सकते हैं।
कैंसर क्या है? What is Cancer?
सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि कैंसर क्या है? आमतौर पर लोग मानते हैं कि कैंसर एक बीमारी है लेकिन आपको यह जानकारी रखनी चाहिये कि कैंसर बीमारी नहीं बल्कि कई रोगों का एक समूह है जो कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण उत्पन्न होता है। यह शरीर में बहुत तेजी क साथ अपने पांव पसारने लगता है, लगभग 90 से 95 प्रतिशत कैन्सर का कारण वातावरण होता है। शेष 5 से 10 प्रतिशत आनुवंशिकी से निर्धारित होते हैं।कैसे पहचानें कि कैंसर है? How to Know about cancer?
प्रारम्भिक लक्षणों के बाद जांच कराने से कैंसर को पहचानने में मदद मिल सकती है। रक्त जाँच, एक्स-रे, सी.टी. स्कैन, एण्डोस्कोपी तथा बायोप्सी की जांच में अधिकांश मरीजों में इसका पता लगाया जा सकता है। कैंसर कारक तत्वों के खाने से परहेज करना ही इसका सबसे बड़ा इलाज है। तम्बाकू चबाना, मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, मदिरापान, यौन सम्बन्धित रोगों आदि से बचाव करने वालों में कैंसर कम ही होता है।कैंसर के लक्षण क्या हैं? What is Symptoms of Cancer?
कैंसर के कई सिम्टम्स होते हैं उनमें से प्रमुख यहां दिये जा रहे हैं-- जल्दी थक जाना: शरीर में अत्यधिक थकान का बने रहना, ब्लड प्लेटलेट्स या लाल रक्त कोशिकाओं में गड़बड़ी का कारण हो सकता है, जिससे ल्यूकेमिया का खतरा बना रहता है। ऐसा होने पर अनदेखा न करें।
- बेवजह वजन घटना: बगैर किसी कारण अचानक वजन कम होने पर, इसे अनदेखा न करें। यह कोलोन कैंसर की चेतावनी हो सकती है। यही नहीं य ह पाचन तंत्र के कैंसर के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। इसके अलावा बेवजह वजन घटना, लीवर कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं, जो आपकी भूख को प्रभावित करने के साथ ही, शरीर की अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के क्षमता पर भी असर डालता है।
- कमजोरी: समान्य कमजोरी और थकान का बना रहना कई प्रकार के कैंसर के लक्षणों में शामिल है। साथ ही बिना कारण थकान महसूस होने पर यदि भरपूर नींद ओर आराम के बाद भी वह ठीक न हो तो इसे अनदेखा बिल्कुल न करें। डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
- फोड़ा या गांठ: शरीर के किसी भाग में कोई फोड़ा, गांठ या फिर कोई त्वचा के कई सारी परतें, जो एक ही जगह पर इकट्ठा हुई हों, यदि इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो पा रही हो, तो इसे गंभीरता से लें। यह त्वचा का कैंसर भी हो सकता है। जो कई तरह का हो सकता है।
- कफ और सीने में दर्द: लंबे समय तक कफ का बना रहना और सीने में दर्द होना, ल्यूकेमिया के साथ ही कई प्रकार के कैंसर का खतरा पैदा करता है।यह लंग ट्यूमर या ब्रांकाईटिस के लक्षण भी हो सकते हैं। लंग कैंसर के कारण सीने में होने वाला दर्द कंधे और बांहों में भी बना रहता है।
- कूल्हे या पेट में दर्द: कूल्हे या पेट के निचले भाग में होने वाला दर्द भी किसी प्रकार से सामान्य नहीं है। पेट में दर्द होने पर कुछ ही देर में सूजन आ जाना, ऐंठन होना, गर्भाशय का कैंसर हो सकता है। इसके अलावा ल्यूकेमिया में भी प्लीहा के बढ़ जाने के कारण पेट में दर्द हो सकता है।
- निप्पल में बदलाव: निप्पल के आकार में अचानक बदलाव आना ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है। जिसमें निप्पल का सपाट होना या नीचे की तरफ या बगल में मुड़ जाना शामिल हैं। ऐसा होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- पीरियड्स में तकलीफ: माहवारी में अत्यधिक दर्द होना, और असमय खून का स्त्राव होना, वैजाइनल कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड अवश्य करवाएं।
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