नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने के लिए अपना दूसरा केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। आपको बता दें कि देश...
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने के लिए अपना दूसरा केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। आपको बता दें कि देश इस वक्त मंदी के दौर से गुजर रहा है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आर्थिक सर्वेक्षण 2019-2020 के ठीक एक दिन बाद बजट पेश किया जा रहा है। वित्त वर्ष 20-21 में देश की अर्थव्यवस्था 6-6.5% की दर से बढ़ने की भविष्यवाणी की गई है।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि इस मंदी का मुख्य कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान थे जो एक अशांति का अनुभव कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने कुछ महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो लंबी अवधि में लाभकारी होंगे। देश, लेकिन उनके पास कुछ अल्पकालिक प्रभाव हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं द्वारा ‘सागर मित्र’ के रूप में सक्षम होने के लिए युवा और मत्स्य विस्तार कार्य 500 मछली उत्पादक उत्पादक संगठन बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि सामान्य चिकित्सकों और विशेषज्ञों दोनों के पास योग्य मेडिकल डॉक्टरों की कमी है। पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पताल में संलग्न करना प्रस्तावित है। इस योजना का विवरण जल्द ही काम किया जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि इस मंदी का मुख्य कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान थे जो एक अशांति का अनुभव कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने कुछ महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो लंबी अवधि में लाभकारी होंगे। देश, लेकिन उनके पास कुछ अल्पकालिक प्रभाव हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं द्वारा ‘सागर मित्र’ के रूप में सक्षम होने के लिए युवा और मत्स्य विस्तार कार्य 500 मछली उत्पादक उत्पादक संगठन बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि सामान्य चिकित्सकों और विशेषज्ञों दोनों के पास योग्य मेडिकल डॉक्टरों की कमी है। पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पताल में संलग्न करना प्रस्तावित है। इस योजना का विवरण जल्द ही काम किया जाएगा।
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