नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने फंड आधारित ब्याज दर की सीमांत लागत यानी एमसीएलआर में पांच आधार अंकों...
नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने फंड आधारित ब्याज दर की सीमांत लागत यानी एमसीएलआर में पांच आधार अंकों की कटौती की है, जो 10 फरवरी से लागू होगी। इसके बाद एसबीआई से आवास और ऑटो ऋण लेना सस्ता हो जाएगा। एमसीएलआर किसी वाणिज्यिक बैंक द्वारा तय वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज दे सकता है। एमसीएलआर से नीचे की ब्याज दर पर बैंक को कर्ज देने की अनुमति नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गुरुवार को प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट को यथावत रखने के निर्णय की घोषणा के एक दिन बाद शुक्रवार को एसबीआई ने एमसीएलआर में कटौती की घोषणा की। नई कटौती के बाद एसबीआई का एमसीएलआर 7.90 फीसदी से घटकर 7.85 फीसदी हो गया है। चालू वित्त वर्ष में एसबीआई की यह लगातार नौवीं कटौती है। देश के सबसे बड़े बैंक ने मियादी जमा पर भी ब्याज दर में कटौती की है। एसबीआई ने रिटेल मियादी जमा पर ब्याज दरों में 10-50 आधार अंकों की कटौती की है, जबकि थोक मियादी जमा पर ब्याज दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती की है।
एसबीआई ने एक बयान में कहा, “सिस्टम में आधिक्य तरलता को ध्यान में रखते हुए बैंक ने रिटेल मियादी जमा (दो करोड़ रुपये से कम की राशि) पर ब्याज दरों में 10-50 आधार अंकों की कटौती की है जबकि थोक मियादी जमा (दो करोड़ रुपये व उससे अधिक की रकम) पर ब्याज दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती की है।” बैंक ने सात से 45 दिनों की परिपक्वता अवधि के छोड़ कर बाकी मियादी जमा पर ब्याज दरों में कटौती की है। एसबीआई ने 46 से 179 दिनों के भीतर परिपक्वता वाली मियादी जमा पर ब्याज दर में 50 आधार अंकों की कटौती की है।
इन जमा राशि पर अब ब्याज दर पांच फीसदी होगी। वहीं, 180 से 210 दिनों और 211 दिनों से एक एक साल से कम अवधि के भीतर परिपक्वता वाली मियादी जमा पर एसबीआई 5.50 फीसदी की दर से ब्याज देगा। इससे पहले जमा रकमों पर एसबीआई 5.80 फीसदी ब्याज की पेशकश करता था। एक से दस साल की अवधि की परिपक्वता वाली मियादी जमा पर एसबीआई ने ब्याज दर 6.10 फीसदी से घटाकर छह फीसदी कर दी है।
वहीं, 180 दिनों से लेकर 210 दिनों और 211 दिनों से लेकर एक साल से कम अवधि में परिपक्व होने वाली मियादी जमा पर भी एसबीआई अब छह फीसदी ब्याज दर देगा। मियादी जमा पर हालिया ब्जाज दर कटौती के बाद एसबीआई वरिष्ठ नागरिकों को एक साल से 10 साल की अवधि के बीच में परिपक्व होने वाली मियादी जमा पर 6.50 फीसदी ब्याज दर देगा। बता दें कि आरबीआई ने गुरुवार को रेपो रेट 5.15 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गुरुवार को प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट को यथावत रखने के निर्णय की घोषणा के एक दिन बाद शुक्रवार को एसबीआई ने एमसीएलआर में कटौती की घोषणा की। नई कटौती के बाद एसबीआई का एमसीएलआर 7.90 फीसदी से घटकर 7.85 फीसदी हो गया है। चालू वित्त वर्ष में एसबीआई की यह लगातार नौवीं कटौती है। देश के सबसे बड़े बैंक ने मियादी जमा पर भी ब्याज दर में कटौती की है। एसबीआई ने रिटेल मियादी जमा पर ब्याज दरों में 10-50 आधार अंकों की कटौती की है, जबकि थोक मियादी जमा पर ब्याज दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती की है।
एसबीआई ने एक बयान में कहा, “सिस्टम में आधिक्य तरलता को ध्यान में रखते हुए बैंक ने रिटेल मियादी जमा (दो करोड़ रुपये से कम की राशि) पर ब्याज दरों में 10-50 आधार अंकों की कटौती की है जबकि थोक मियादी जमा (दो करोड़ रुपये व उससे अधिक की रकम) पर ब्याज दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती की है।” बैंक ने सात से 45 दिनों की परिपक्वता अवधि के छोड़ कर बाकी मियादी जमा पर ब्याज दरों में कटौती की है। एसबीआई ने 46 से 179 दिनों के भीतर परिपक्वता वाली मियादी जमा पर ब्याज दर में 50 आधार अंकों की कटौती की है।
इन जमा राशि पर अब ब्याज दर पांच फीसदी होगी। वहीं, 180 से 210 दिनों और 211 दिनों से एक एक साल से कम अवधि के भीतर परिपक्वता वाली मियादी जमा पर एसबीआई 5.50 फीसदी की दर से ब्याज देगा। इससे पहले जमा रकमों पर एसबीआई 5.80 फीसदी ब्याज की पेशकश करता था। एक से दस साल की अवधि की परिपक्वता वाली मियादी जमा पर एसबीआई ने ब्याज दर 6.10 फीसदी से घटाकर छह फीसदी कर दी है।
वहीं, 180 दिनों से लेकर 210 दिनों और 211 दिनों से लेकर एक साल से कम अवधि में परिपक्व होने वाली मियादी जमा पर भी एसबीआई अब छह फीसदी ब्याज दर देगा। मियादी जमा पर हालिया ब्जाज दर कटौती के बाद एसबीआई वरिष्ठ नागरिकों को एक साल से 10 साल की अवधि के बीच में परिपक्व होने वाली मियादी जमा पर 6.50 फीसदी ब्याज दर देगा। बता दें कि आरबीआई ने गुरुवार को रेपो रेट 5.15 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया।
COMMENTS