bijethua dham in hindi, बिजेथुआ महावीरन सुल्तानपुर, सुल्तानपुर का मंदिर, बिजेथुआ धाम मंदिर, बिजेथुआ हनुमान मंदिर, sultanpur bijethua, हनुमानगढ़ी मंदिर सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश, सुल्तानपुर बिजेथुआ धाम, सूरापुर बाजार, कादीपुर बिजेथुआ मंदिर, सूरापुर बिजेथुआ मंदिर, थाना करौंदीकला, करौंदीकला थाने का नम्बर, कादीपुर सुलतानपुर हिन्दी न्यूज, कादीपुर गांव, कादीपुर कोतवाली,
- त्रिनाथ मिश्र, ई रेडियो इंडिया
जब इंसान हर ओर से निराश हो जाता है, जब मनुष्य हर तरह के हथकण्डे आजमा कर थक जाता है तब वह अपने बचे हुये समय को भगवान के भरोस पर छोड़ देता है। हो सकता है कि आपमें से भी कई लोगों ने इस स्थान पर आकर अपने भाग्य की दिशा बदली हो.... कहते हैं कि मंदिर की दहलीज पर पांव रखते ही सैकड़ों समस्यायें छू-मंतर हो जाती हैं...
सुल्तानपुर जिले की कादीपुर तहसील में विजेथुवा महावीरन नाम से प्रसिद्ध श्रीहनुमान जी का मंदिर रामभक्ति और वीरता का प्रतीक है। पुराणों में उल्लेख है कि इसी स्थान पर हनुमान जी ने कालनेमि राक्षस का वध किया था। मंदिर में स्थित हनुमान जी की मूर्ती इस मंदिर की प्राचीनता का प्रमाण है। मूर्ति का एक पैर जमीन में धंसा हुआ है, जिसकी वजह से मूर्ति थोड़ी तिरछी है।पुरातत्व विभाग ने मूर्ति की प्राचीनता जांचने और पुजारियों ने मूर्ति को सीधा करने के लिए उसकी खुदाई शुरू कराई। लेकिन 100 फिट से अधिक खुदाई कराने के बाद भी मूर्ति के पैर का दूसरा सिरा नही मिला। जिसके बाद इस मंदिर को चमत्कारी माना जाने लगा। रामायण में वर्णन मिलता है कि लक्ष्मण शक्ति के दौरान जब श्री हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने जा रहे थे तो इसी जगह पर कालनेमि नाम का एक राक्षस उनके रास्ते में आ धमका। कालनेमि रावण के आदेश पर यहां आया था... उसे हनुमान जी को बूटी लाने से किसी भी कीमत पर रोकना था।
कालनेमि मायावी था... उसने एक साधु का वेश धारण कर रास्ते में राम-राम का जाप करना शुरू कर दिया। थके-हारे हनुमान जी राम-राम धुन सुन कर वहीं रुक गए। कालनेमि ने हनुमान जी से उनके आश्रम में रुक कर आराम करने का आग्रह किया। हनुमान जी उसकी बात में आ गए और उसके आश्रम में चले गए। उसने हनुमान जी से आग्रह किया कि वह पहले स्नान कर लें उसके बाद भोजन की व्यवस्था की जाए। हनुमान जी स्नान के लिए तालाब में गए जहां कालनेमि ने मगरमच्छ बनकर हनुमान जी पर हमला किया था।
COMMENTS