एडीजी मेरठ जोन राजीव सभरवाल को ज्ञापन देते अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ चिन्मय भारद्वाज। संवादद...
एडीजी मेरठ जोन राजीव सभरवाल को ज्ञापन देते अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ चिन्मय भारद्वाज। |
- संवाददाता, ई-रेडियो इंडिया
ब्राह्मण यूपी से पलायन को मजबूर: चिन्मय भारद्वाज
अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ चिन्मय भारद्वाज ने एडीजी मेरठ राजीव सभरवाल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन सौंपते हुये प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाया। ज्ञपन में कहा गया है कि जिस प्रकार से कश्मीर के ब्राह्मणों पर लगातार अत्याचार होने के कारण वे अशांत और अस्थिर होकर कश्मीर छोड़ने पर विवश हो गए थे ठीक उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार अब यही इशारा कर रहे है कि यूपी में ब्राह्मण कतई भी महफूज नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में 2017 से लेकर 2020 तक लगभग 600 से ज्यादा ब्राह्मणों की हत्यायें हो चुकी है और कुछ जगह एससी एस्टी एक्ट के फर्जी मुकदमे अलग से लगाए गए हैं।
आगे कहा है कि, हम सभी आपसे निवेदन कर रहे हैं कि यूपी में ब्राह्मणों की जघन्य हत्यायें बर्दाश्त के बाहर हैं और अगर यही रवैया रहा तो ब्राह्मण समाज आने वाले समय में वृहद आंदोलन करने पर मजबूर और विवश होगा या फिर ब्राह्मण समाज उत्तर प्रदेश से पलायन करने को मजबूर होगा जिसकी जिम्मेदारी केवल यूपी सरकार की होगी। हम ब्राह्मणों ने यह ठान लिया है कि अगर हमें अपनी जान ही देनी है तो हम बदमाशों के हाथों क्यों मरे? हम आंदोलन करते हुए सड़कों पर शहीद होना चाहते हैं, अगर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार नहीं कर सकती है, तो हम खुद अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेंगे। ऐसे में आने वाले समय में किसी प्रकार का आरोप यह न लगाया जाए कि हमने पहले आगाह नहीं किया था।
दुष्चक्रों का शिकार हो रहा है ब्राह्मण समुदाय
ब्राह्मण समुदाय लगातार खतरे में है राजनीतिक दुष्चक्रों का शिकार तो हो ही रहा है साथ ही साथ सामाजिक दुष्चक्रों में भी उलझता जा रहा है। इन तमाम घटनाक्रमों के बाद ब्राह्मण संगठनों में रोष देखा जा रहा है और कुछ ब्राह्मण संगठनों का कहना यह है कि आने वाले वक्त में वह एक नई रणनीति बनाकर पूरे प्रदेश में हो रही इस तरह की हत्याओं का जबरदस्त विरोध करेंगे।ये हैं प्रमुख हत्याकाण्ड जिनसे थर्राया यूपी का ब्राह्मण
- कमलेश तिवारी हत्याकांड: बीते 18 अक्टूबर को लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई। इसे पुलिस शुरुआत में आपसी रंजिश का मामला बताती रही थी बाद में आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया। कमलेश के परिवार ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा में कटौती की गई। अखिलेश सरकार में उन्हें 15 सुरक्षा गार्ड मिले थे वहीं योगी सरकार में महज़ 2 मिले। कमलेश की मां ने मुआवजे में मिले 15 लाख रुपए लेने से भी इंकार कर दिया है। यूपी में तमाम ब्राह्मण संगठन मुआवजा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।
- विवेक तिवारी हत्याकांड: 27 सितंबर 2018 को लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की यूपी पुलिस के एक सिपाही ने हत्या कर दी। वह उस वक्त वह अपनी साथी (कलीग) को घर छोड़ने जा रहे थे। इस मामले में सरकार की ओर से पुलिस को खुली छूट दिए जाने को लेकर विपक्षी दलों ने तमाम सवाल उठाए थे।
- झांसी में चार की आग लगाकर हत्या: झांसी में बीते 14 अक्टूबर को रात में सीपरी बाजार इलाके के निवासी जगदीश उदैनिया, उनकी मां कुमुद, पत्नी रजनी व बेटी मुस्कान की सोते समय जलाकर हत्या कर दी गई थी। चारों एक ही कमरे में सो रहे थे। इस मामले को लेकर तमाम ब्राह्मण संगठनों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया।
- रायबरेली हत्याकांड: 26 जून 2017 को रायबरेली के अपटा गांव में दो गुटों के बीच हिंसा के बाद 5 ब्राह्मणों की हत्या कर दी गई। इस मामले में योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का भी विवादास्पद बयान आया था। उन्होंने कहा था कि मृतकों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनक इरादे ठीक नहीं थे। स्वामी के इस बयान पर कई सवाल उठे थे।
- मेरठ: 19 अक्टूबर को मेरठ में वकील मुकेश शर्मा की हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में मेरठ के ब्राह्मण संगठनों ने प्रदर्शन किया।
- बस्ती: 9 अक्टूबर को बस्ती के एपीएन पीजी कालेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण तिवारी को गोली मार दी गयी जिससे उनकी मौत हो गयी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
- मैनपुरी: 16 सितंबर को मैनपुरी के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में 11वीं की छात्रा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। विद्यालय व पुलिस प्रशासन फांसी लगाए जाने की बात कह रहा है। वहीं परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों व तमाम ब्राह्मण संगठनों द्वारा की गई भूख हड़ताल के बाद सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराने को तैयार हुई।
- आपको बता दें कि बहुचर्चित चिन्मयानंद मामले में पीड़ित पक्ष भी ब्राह्मण समुदाय से है। इस मामले में योगी सरकार पर चिन्मयानंद को बचाने के आरोप लगे।
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